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Top 5 दिल को छू लेने वाली कविताएँ - Heart Touching Poems In Hindi

इस लेख में Top 5 दिल को छू लेने वाली कविताएँ (Heart Touching Poems In Hindi) दी गई हैं। 


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1.  देखा था एक ख्वाब 

जो आज हकीकत में तब्दील हुआ, 

शायद इस इश्क का इंतजार 

आज खत्म हुआ?


यादें तुम्हारी जो पन्नों में लिखी थी 

आज वो रूबरू हुई तुमसे ,


हुए थे किस्से मशहूर हमारी 

बिछडन के,

मेरे इंतजार के 

और तेरी वीरानी के,


फीका पड़ा वो जिक्र इन पन्नों का 

जब आज पहली दफा तुम्हे 

इतने सालों बाद देखा,


रूबरू वैसी ही, 

जैसे जिक्र मैंने करा तुम्हारा "याद"

शहर की कहानी में,


इस कहानी का किरदार आज सच हुआ,

खड़ी थी तुम 

मेरे शॉल ओढ़े और 

मेरे रंग की चाय हाथ में लिए !!


ये सब देख कर इतने सालों का इंतज़ार 

आज खत्म हुआ,

खुश हैं वो फिजाएं जहाँ बैठे तेरा इंतज़ार किया,


शायर तो हम कभी थे नहीं लेकिन शायद तेरी 

कमी मुझे लिखना सीखा गई..... 

मिले हैं हम आज दुबारा करूँगा जिक्र 

मैं इन पन्नों में.....

बस अबकी बार तुम यूँ दूर ना जाना 

इश्क की स्याही से लिखेंगे एक कहानी दुबारा......।।



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2.  एक ख्वाब जो बेहद करीब हैं 

क्यूँकि तू मुझे अजीज हैं,

ले जाऊंगा तुम्हे "याद शहर" में 

सहर होते ही "सैर" पर निकलेंगे,

दिन ढलेगा फिर एक ख्वाब देखेंगे,


मैं आब बन जाऊँ और तुम आग,

वक्त-वक्त पर मिलेंगे 

"हीर-राँझे" जैसे फ़ना होंगे,

हाँ ये ख्वाब पूरा होगा.....!!




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3.  कुछ रंजिशें थी 

शायद इन हवाओं में,

जो सिमटती गई 

इन बारिशों की बूंदों में 


उनका दीदार जब हुआ 

इन पहाड़ों से,

फ़िज़ाओं में बह गई 

वो बहार बन के 


खुशनसीब हैं वो 

जिक्र हुआ जिनका यहां,

चश्मदीद रहेगा जहान 

इस वक्त का यहां ।।






4. ये दिल अब पहाड़ों पर ही लगता हैं, 

बहुत समझाया इसे,

पर फिर भी तुम पर मरता है,


घूमता रहा मैं हर जगह,

निकला था तुम्हारी तलाश में, 

कुछ तो जादू सा चलाया तुमने,

बाँध कर  रख दिया मुझे मेरी ही सोच में,


अब तो लगने लगा था 

की शायद तुम एक कल्पना हो 

जो मेरी सोच तक सिमटी है,


पर फिर भी यह दिल मानने 

को तैयार नहीं था 

जब भी तुम्हे ये आँखे निहारा करती 

ऐसा लगता की मानो बस एक तुम ही तो हो 

जिसे देखने के लिए ये आँखें नजरे उठाया करती हैं,


ये समय भी कैसा सा हैं 

रेत की भांति हाथों 

से निकल जाता हैं 

और फिर शेष रह जाते हैं यादों के पहाड़,


जनता हूँ ये पल और समय बदल गया है

अब मैं, मैं नहीं रहा

जो पहले था,


पर ऐसा क्या हैं तुम्हारे पास 

तुम रूबरू वैसी ही हो 

जैसा मैं सोचा करता था 

जैसे तुम्हे पहली बार देखा था,


ये दिल अब भी तुम्हारे लिए धड़कता हैं,

बहुत समझा लिया इसे,

फिर भी ये कम्बख्त तुम्ही पर मरता हैं ।।






5.  कभी यादें बन तू इस किताब 

का हिस्सा बन जाना,

लिखूं जब कोई नज्म मैं

तो उस नज्म का किरदार बन जाना,


कोरे पन्नों सा ये दिल मेरा 

उसकी तुम हसीन सी कहानी बन जाना,

लिखूँ जो खत मैं तेरी याद में 

तू बस उन पन्नों पे लिखे 

किस्सों की स्याही बन जाना ।।



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